मैं तेरे कमरे के भीतर लगा दर्पण हूं मुझमें तू हर रोज दिखती है, कभी उदास सिकुड़ी कली क मैं तेरे कमरे के भीतर लगा दर्पण हूं मुझमें तू हर रोज दिखती है, कभी उदास सि...
संसार की हर औरत में, स्नेही ममता दिखती है। संसार की हर औरत में, स्नेही ममता दिखती है।
किसी कोण किसी दिशा से देखो पूरी दिखती है नदी। किसी कोण किसी दिशा से देखो पूरी दिखती है नदी।
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है। उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है।
कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। मधुरिम मधुरिम कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। म...